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संदेश

आदेश-20 नियम-1 सिविल प्रक्रिया संहिता 1908

आदेश-20 निर्णय और डिग्री   नियम-1 निर्णय कब सुनाया जायेगा    (1)-  न्यायालय , किसी मामले की सुनवाई कर लेने के पश्चात निर्णय खुले न्यायालय में या तो तुरंत या इसके तत्पश्चात यथा साध्य शीघ्र सुनाएगा और जब निर्णय किसी भविष्यकर्ता दिन को सुनाया जाना है तब न्यायालय उस प्रयोजन के लिए कोई दिन नियत करेगा जिसको सम्यक सूचना पक्षकारों या उसके प्लीडरों को दी जाएगी; परंतु जहाँ निर्णय तुरंत नहीं सुनाया जाता वहाँ न्यायालय, निर्णय, उस तारीख से, जिसको मामले की सुनवाई समाप्त हुई थी, तीस दिन के भीतर सुनाने का पूरा प्रसास करेगा , किंतु जहाँ मामले की आपवादिक और साधारण परिस्थितियों के आधार पर ऐसा करना साध्य नहीं है वहाँ न्यायालय निर्णय सुनाने के लिए कोई भविष्यवर्ती दिन नियत करेगा और ऐसा दिन साधारणतः उस तारीख से, जिसको मामले की सुनवाई समाप्त हुई थी, साठ दिन के बाद का नहीं होगा और इस प्रकार नियत किए गए दिन की सम्यक सूचना पक्षकारों या उनके प्लीडरों को दी जाएगी। (2)- जहाँ लिखित निर्णय सुनाया जाना है वहाँ यदि प्रत्येक विवाद्यक पर न्यायालय के निष्कर्षों को और मामले में पारित अंतिम आदेश को पढ़ लिया जाता है तो वह प

|| मध्यप्रदेश कुटुंब न्यायालय नियम 2002 क्या है?|| THE M.P. FAMILY COURT RULES, 2002 IN HINDI ||

                हेलो दोस्तों आज हम मध्यप्रदेश कुटुंब न्यायालय नियम 2002 के बारे जानेंगे? आगे हम पढ़ेंगे की ''मध्यप्रदेश कुटुंब न्यायालय नियम 2002 क्या है?  मध्यप्रदेश कुटुंब न्यायालय नियम 2002 शक्तियां  क्या है? और यह कैसे काम करता है? तथा यह कब और किस दिनांक से राज्य में प्रयोग में लाया जाता है''?           अधिसूचना नंबर  फा.04-01-2002-इक्कीस-(ब) एक , दिनांक 20  जून 2002 कुटुंब न्यायालय अधिनियम , 1984 (1984 का संख्यांक 66) की धारा 23 द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए , राज्य सरकार द्वारा ,   कुटुंब न्यायालय के परामर्श से , मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) में प्रकाशित  दिनांक 20 जून 2002 से एतद्द्वारा निम्नलिखित नियम बनाती है , अर्थात-                              नियम   1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ - इन नियमो का  संक्षिप्त नाम  मध्यप्रदेश कुटुंब न्यायालय नियम, 2002 है!  (2) ये  मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) में प्रकाशन की तरीख से प्रवृत है!  2. परिभाषाए- इन नियमो में , जबतक की संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो- (क) अधिनियम- से अभिप्रेत है  कुटुंब न्यायालय अधिनियम

घर बैठे पैसे कैसे कमाए.

हेलो दोस्तों मैं सोनू हाजिर हूं आपके लिये एक और नये ब्लॉग मे.         आज हम जानने वाले है कि कैसे हम घर बैठे ऑनलाइन के माध्यम से पैसे कमा सकते है.          जैसा कि दोस्तों मैंने आपको ऊपर डिस्क्रिप्शन मे बताया है कि घर बैठे पैसे कैसे कमाए.           वैसे तो आज के समय मे पैसे कमाने के अनेक उपाए है और उन उपायों से कई लोग अच्छे खासे पैसे भी कमा रहे है, उन्ही मे से एक है ऑनलाइन बिजनेस के माध्यम से पैसे कमाना.         आज इंटरनेट के ज़माने मे लोग कई प्रकार के बिजनेस कर रहे है, और बिजनेस ही आज के ज़माने मे एक ऐसा माध्यम बन गया है जिससे कई लोग सफल हो रहे है और बुलंदियों को  छू रहे है, क्योंकि वर्तमान समय किसी कंपनी मे काम करने वाला इम्प्लॉय भी इतना नहीं कमा पता है, जितना कि एक बिजनेस मैंन कमाता है.         चलिए दोस्तों मैं आपको बता देता हूं, कि ऑनलाइन बिजनेस कैसे किया जाता है, और उसके लिए आपको कम्पनी मे कैसे वर्क करना है,         मैं आपको जिस एफलाइट मार्केटिंग कि बात कर रहा हूं उसमे मैं स्वयं भी ज्वाइन हूं.          यह एक ऐसा प्लेटफार्म है, जहा से आपको लाखो रूपए कमा सकते हो, बस आपको म

अमृत महोत्सव के अंतर्गत 13 से 15 अगस्त मे तिरंगा फहराने वाले नागरिक रखे इन बातो का ध्यान.

हेलो दोस्तों मैं सोनू हाजिर हूं आपके साथ एक और नई जानकारी के साथ.          जैसा कि दोस्तों आप सभी को पता है कि हमारे देश के आजादी के 75 वर्ष पूर्ण हो गए है इसी के उपलक्ष्य मे हमारे देश कि सरकार और देश के नागरिक इस उपलब्धि को बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ मना रहे है.          वही एक और जहाँ देश के नागरिक राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के सम्मान मे हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत बड़चढ़ कर हिस्सा ले रहे है वही दूसरी और कई नागरिक राष्ट्रीय ध्वज का अपमान यहाँ- वहां फेकने और गिराने मे कर रहे है.          हमारे देश के नागरिकों को राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करते हुये राष्ट्रीय ध्वज को फहरना चाहिये और समयानुसार ध्वज रोहन भी करना चाहिए.          इन्ही सभी बातो को ध्यान मे रखते हुए मैं आप लोगो को ध्यान इस और आकर्षित करवाना चाहता हूं कि जब भी आप अपने घर मे या किसी दफ़्तर कार्यालय मे राष्ट्रीय ध्वज को फहराते है तो फहरने से पूर्व इन नियमो का ध्यान अवश्य रखे तभी तो होगा तिरंगे का सम्मान.           1-  प्रत्येक नागरिक झंडा संहिता का अनुपालन करेंगे.            2-  राष्ट्रीय ध्वज फहराते समय सदैव तिरंगे मे केस

।। तिरंगे का सम्मान।।

।। तिरंगे का सम्मान।। अंग्रेजों ने देश छोड़ा, वीरो ने दी कुर्बानी । ऐसी थी झांसी की रानी, खूब लड़ी मर्दानी, तिरंगें के सम्मान में।। राष्ट्र पिता गांधी, ज्ञान सागर अम्बेडकर, भगत, सुभाष और कई वीरो ने। जान की बाजी लगा दी तिरंगे के सम्मान में।। चिड़िया घूम रही, विन वीजा, विन पासपोर्ट। क्योंकि सब अपना समझते है, अपना आशियाना, आसमान में, तिरंगें के सम्मान में।। एहमियत पता चली, रूस यूक्रेन वॉर में, जब जान बचाते पडोसी देश के नागरिक आये इसकी आड़ में। नमन करता हूँ इस तिरंगें के सम्मान में।। देश मे नफरत की आग, जलने लगती है, जब तीनों रंग नही होते हैं साथ में। बात उठे जब देश मे इंसानियत की तो करोड़ो हाथ उठते है तिरंगे के सम्मान में।। राजनीति की आड़ में, सम्मान जाए भाड़ में। यही तो चल रहा है आज कल के माहौल में, तिरंगे के सम्मान में।। अनमोल का मोल हो गया, जो आज तक संसद पर लहराता था। वो गली मोहल्ले में गिरता फिरता नजर आयेगा, यही चाहता है तिरंगा अपने सम्मान में।। विडम्बना है देश की, लोग बिकते है दारू, मुर्गे और कैश में। इस तरीके से बात करने वाले, गद्दार बन जाते है देश के।। आवाज उठाओ, देश मे, जनता च

धारा 300 हत्या----

 धारा 300 हत्या एतस्मिन् पश्चात् अपवादित दशाओं को छोड़कर आपराधिक मानव वध हत्या है , यदि वह कार्य , जिसके द्वारा मृत्यु कारित की गई हो , मृत्यु कारित करने के आशय से किया गया हो , अथवा  दूसरा -- यदि वह ऐसी शारीरिक क्षति कारित करने के आशय से किया गया हो जिससे अपराधी जानता हो कि उस व्यक्ति की मृत्यु कारित करना संभाव्य है , जिसको वह अपहानि कारित की गई है , अथवा  तीसरा -- यदि वह किसी व्यक्ति को शारीरिक क्षति कारित करने के आशय से किया गया हो और वह शारीरिक क्षति , जिसके कारित करने का आशय हो , प्रकृति के मामूली अनुक्रम में मृत्यु कारित करने के लिए पर्याप्त हो , अथवा चौथा -- यदि कार्य करने वाला व्यक्ति यह जानता हो कि वह कार्य इतना आसन्नसंकट है कि पूरी अधिसंभाव्यता है कि वह मृत्यु कारित कर ही देगा या ऐसी शारीरिक क्षति कारित कर ही देगा जिससे मृत्यु कारित होना संभाव्य है , और वह मृत्यु कारित करने या पूर्वोक्त रूप की क्षति कारित करने की जोखिम उठाने के लिए किसी प्रतिहेतु के बिना ऐसा कार्य करे ।   दृष्टांत   ( क ) य को मार डालने के आशय से क उस पर गोली चलाता है , परिणामस्वरूप य मर जाता है ।

I.P.C. की धारा 141- क्या है | Unlawful assembly in hindi | विधिविरुद्ध जमाव क्या है?

 विधिविरुद्ध जमाव- भारतीय दंड संहिता की धारा 141  के अनुसार- जहाँ कोई अथवा पांच या अधिक व्यक्तियों का जमाव ''विधिविरुद्ध जमाव'' कहा जाता है , यदि उन व्यक्तियों का , जिनसे वह जमाव गठित हुआ है , सामान्य उद्देश्य हो------- जैसे-  पहला ------ (केंद्रीय सरकार को , या किसी राज्य सरकर को , या संसद को या किसी राज्य के विधान मंडल) , को या किसी लोक-सेवक को , जबकि वह ऐसे लोक-सेवक की विधिपूर्ण शक्ति का प्रयोग कर रहा हो , आपराधिक बल द्वारा या आपराधिक बल के प्रदर्शन द्वारा , आतंकित करना , अथवा)  दूसरा ----- किसी विधि के , या किसी वैध आदेशिका के , निष्पादन का प्रतिरोध करना , अथवा ,  तीसरा -----किसी रिष्टि या आपराधिक अतिचार या अन्य अपराध का करना , अथवा ,  चौथा ------ किसी व्यक्ति पर  आपराधिक बल द्वारा या आपराधिक बल के प्रदर्शन द्वारा , किसी सम्पति का कब्ज़ा लेना या  अभिप्राप्त करना या किसी व्यक्ति को किसी मार्ग के अधिकार के उपयोग से , या जल का उपयोग या उपभोग करने के अधिकार या अन्य अमूर्त अधिकार से जिसका वह कब्ज़ा रखता हो , या उपभोग करता हो , वंचित करना या किसी अधिकार का प्रवर