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अगस्त 11, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

।। तिरंगे का सम्मान।।

।। तिरंगे का सम्मान।। अंग्रेजों ने देश छोड़ा, वीरो ने दी कुर्बानी । ऐसी थी झांसी की रानी, खूब लड़ी मर्दानी, तिरंगें के सम्मान में।। राष्ट्र पिता गांधी, ज्ञान सागर अम्बेडकर, भगत, सुभाष और कई वीरो ने। जान की बाजी लगा दी तिरंगे के सम्मान में।। चिड़िया घूम रही, विन वीजा, विन पासपोर्ट। क्योंकि सब अपना समझते है, अपना आशियाना, आसमान में, तिरंगें के सम्मान में।। एहमियत पता चली, रूस यूक्रेन वॉर में, जब जान बचाते पडोसी देश के नागरिक आये इसकी आड़ में। नमन करता हूँ इस तिरंगें के सम्मान में।। देश मे नफरत की आग, जलने लगती है, जब तीनों रंग नही होते हैं साथ में। बात उठे जब देश मे इंसानियत की तो करोड़ो हाथ उठते है तिरंगे के सम्मान में।। राजनीति की आड़ में, सम्मान जाए भाड़ में। यही तो चल रहा है आज कल के माहौल में, तिरंगे के सम्मान में।। अनमोल का मोल हो गया, जो आज तक संसद पर लहराता था। वो गली मोहल्ले में गिरता फिरता नजर आयेगा, यही चाहता है तिरंगा अपने सम्मान में।। विडम्बना है देश की, लोग बिकते है दारू, मुर्गे और कैश में। इस तरीके से बात करने वाले, गद्दार बन जाते है देश के।। आवाज उठाओ, देश मे, जनता च