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जानिए- (IPC)भारतीय दंण्ड संहिता की मुख्य धाराएं क्या है? सजा का क्या प्रावधान है?

 धारा 302 हत्या करना 

भारतीय दंण्ड संहिता की धारा कई मायनों  बहुत महत्वपूर्ण है

अगर किसी पर हत्या का दोष साबित हो जाता हो जाता है तो उसे फासी की सजा या उम्रकैद और जुर्माना हो सकता है हत्या के मामलों मे खासतौर पर हत्या के इरादे और उसके मकसद पर ध्यान दिया जाता है इस तरह के मामलों में पुलिस को सबूतों के साथ यह साबित करना होता है कि हत्या आरोपी ने किया है आरोपी के पास हत्या का मकसद भी था और वह हत्या करने का इरादा भी रखता था। 

धारा 395 डकैती डालना

भारतीय दंण्ड संहिता की धारा 395 के अनुसार जो कोई व्यक्ति डकैती करेगा तो उसे आजीवन कारावास या किसी एक अवधी के लिए कठिन कारावास जिसे 10 वर्षों तक बढ़ाया जा सकता है एवं दडित किया जाएगा और साथ ही वह आर्थिक दंड के लिए भी उत्तरदायी होगा।

धारा 376 बलात्कार करना

भारतीय दण्ड संहिता की धारा 376 के अनुसार किसी भी महिला के साथ बलात्कार करने के आरोपी पर धारा 376 के तहत मुकदमा चलाया जाता है जिसमें अपराध सिद्ध होने की दशा में दोषी को कम से कम 5 साल व अधिकतम 10 साल तक की कड़ी सजा दिए जाने का प्रावधान है।

धारा 377 अप्राकृतिक कृत्य करना

भारतीय दंण्ड संहिता की धारा 377 के तहत 2 लोग आपसी सहमति या असहमति से अप्राकृतिक संबंध बनाते है और दोषी करार दिए जाते हैं तो उनकों 10 साल की सजा से लेकर उम्र कैद की सजा हो सकती है यह अपराध संगी अपराध की श्रेणी में आता है और गेरजमानती होता है।

धारा 396 डकैती के दौरान हत्या करना

भारतीय दंण्ड संहिता की धारा 396 के अनुसार यदि ऐसे पांच या अधिक व्यक्तियों में से जो संयुक्त होकर डकैती कर रहे हो कोई एक व्यक्ति इस प्रकार डकैती करते हुए हत्या का देगा तो उन व्यक्तियों मे से हर व्यक्ति को मृत्युदंड या आजीवन कारावास या किसी एक अवधि के लिए कठिन कारावास जिसे 10 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है से दंडित किया जाएगा और साथ ही वे सब आर्थिक दंड के लिए भी उत्तरदायी होंगे।

धारा 412 छीनाझपटी करना

भारतीय दंण्ड संहिता की धारा 412 के अनुसार जो कोई ऐसी चुराई गई संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करेगा या रखे रखेगातो उसे आजीवन कारावास या किसी एक अवधि के लिए कठिन कारावास की सजा जिसे 10 वर्ष तक बढ़ाया जाएगा और साथ ही वह आर्थिक दंड के लिए भी उत्तदायी होगा।

धारा 309 आत्महत्या की कोशिश करना

यह कि जो कोई भारतीय दंड संहिता की धारा 309 के अनुसार जो भी कोई आत्महत्या करने का प्रयत्न करेगा और उस अपराध के करने के लिए कोई कार्य करेगा तो उसे किसी एक अवधि के लिए सादा कारावास से जिसे 1 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है यहां आर्थिक दंड या दोनों से दंडित किया जाएगा।

धारा 310 ठगी करना

यह कि भारतीय दंण्ड संहिता की धार 310 के अनुसार जो कोई इस अधिनियम के पारित हो जाने कि पश्चात किसी समय हत्या द्वारा या हत्या सहित लूट शिशुओं की चोरी करने के प्रयोजन के लिए व्यक्ति या अन्य व्यक्तियों से स्वभाविक संबंध रहता है तो वह ठग कहलाता है।

धारा 378 चोरी करना 

भारतीय दंण्ड संहिता की धारा 378 के अनुसार जो कोई किसी व्यक्ति के कब्जे से उसकी सहमति के बिना कोई अचल संपत्ति बेईमानी से ले लेना का आशय रखते हुए उस संपत्ति को हटाता है तो उसे चोरी करना कहा जाता है।

धारा 351 हमला करना

भारतीय दंण्ड संहिता की धारा 351 की धारा 351 के अनुसार जो कोई भी, कोई संकेत या तैयारी इस आशय से करता है या यह सब जानते हुए करता है वह उस व्यक्ति पर आपराधिक बल का प्रयोग करने ही वाला है तो वह हमला करना कहलाता है।

धारा 354 स्त्री लज्जभंग करना

भारतीय दंण्ड संहिता की धारा 354 का इस्तेमाल ऐसे मामलों में किया जाता है जहां स्त्री की मर्यादा और मान सम्मान को छत पहुंचाने के लिए उस पर हमला किया गया हो या उसके साथ गलत के लिए उस हमला किया गया हो या उसके साथ गलत मंशा के साथ जोर जबस्ती या छेड़छाड़ की गई हो।

धारा 312 गर्भपात कारित करना

भारतीय दंड संहिता की धारा 312 के अनुसार जो कोई किसी गर्भवती महिला का उसकी मर्जी से गर्भपात कार्य करेगा यदि ऐसा गर्भपात स्त्री का जीवन बचाने के प्रयोजन से सद्भावपूर्वक नहीं किया जाता है तो यह एक अपराध माना जाएगा जिसकी सजा का प्रावधान किया गया है।



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