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Friendship day क्या है? इसका इतिहास क्या है? इस साल friendship कब मनाया जा रहा है?

इस साल फ्रेंडशिप डे कब मनाया जा रहा है?  

बच्चा हो या बड़ा दोस्तों की हर किसी की लाइफ में एक अलग जगह होती है. एक सच्चे दोस्त के बिना जिंदगी बोरिंग लगने लगती है. ऐसे ही सच्चे दोस्तों की याद में हर साल अगस्त के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है. इस साल दोस्ती का यह त्योहार 4 अगस्त को मनाया जा रहा है. लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि इस दिन की शुरुआत कब और कैसे हुई थी.बच्चा हो या बड़ा दोस्तों की हर किसी की लाइफ में एक अलग जगह होती है. एक सच्चे दोस्त के बिना जिंदगी बोरिंग लगने लगती है. ऐसे ही सच्चे दोस्तों की याद में हर साल अगस्त के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है. इस साल दोस्ती का यह त्योहार 4 अगस्त को मनाया जा रहा है. लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि इस दिन की शुरुआत कब और कैसे हुई थी.

इस दिन को फ्रेंडशिप के रूप में  पहले किसने मनाया होगा. अगर आपके मन को भी ये सवाल अक्सर परेशान करते हैं तो चलिए आपकी परेशानी दूर करते हुए आपको बताते हैं कि आखिर कब और कैसे हुई फ्रेंडशिप डे मनाने की शुरूआत.  


फ्रेंडशिप डे का इतिहास-


फ्रेंडशिप डे की शुरुआत साल 1935 में अमेरिका से हुई थी. कहा जाता है कि अगस्त के पहले रविवार को अमेरिकी सरकार ने एक व्यक्ति को मार दिया था. जिसकी याद में उसके एक दोस्त ने आत्महत्या कर ली थी. जिसके बाद सरकार ने उस दिन से अगस्त के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे के रूप में मनाने का निर्णय लिया.
इस साल फ्रेंडशिप डे कब मनाया जा रहा है?  

फ्रेंडशिप डे से जुड़ी कहानिया क्या है?  


कहा जाता है कि साल 1930 में एक व्यापारी ने इस दिन की शुरूआत की थी. जोएस हाल नाम के इस व्यापारी ने सभी लोगों के लिए एक दिन ऐसा रखा जिसमें दो दोस्त आपस में एक दूसरे को कार्ड देते हुए इस दिन को सेलीब्रेट कर सकें. इस खास दिन को मनाने के लिए उस व्यापारी ने 2 अगस्त के दिन को चुना. बाद में यूरोप और एशिया के बहुत से देशों ने इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए फ्रेंडशिप डे को मनाने का फैसला किया.  

-फ्रेंडशिप डे से जुड़ी एक और कहानी और इतिहास सुनने में आता है. बताया जाता है कि 20 जुलाई 1958 को डॉक्टर रमन आर्टिमियो ने एक डिनर पार्टी के दौरान अपने दोस्तों के साथ मित्रता दिवस मनाने का विचार रखा. पराग्वे में हुई इस घटना के बाद विश्व में फ्रेंडशिप डे मनाने की परंपरा पर खासा ध्यान दिया गया.

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